भोजन के नियम

कब और कैसे करें!


गांव से दूर होने के बाद सब कुछ बदल जाता है। अगर, गांव के नियम की बात की जय तो गांव में सुबह से लेकर शाम का समय तय होता है। पर क्या ऐसा जॉब या शहरी विस्तार में ये नियम मुश्किल है।
भोजन के अनियमित से ही हमारे शरीर मे रोगों की वृद्धि होती है। अगर कहा जाय तो पेट से ही हमारी बीमारी सरु होती है। फ़ौज में कहा जाता है, अगर सुबह अपने टॉयलेट ठीक हो गया तो समजो आप पूरा दिन आप फिट रहोगे।
ये कोई सुनी सुनाई बात नही है, बल्कि में खुद शामिल हु, ओर गलती से आपको टॉयलेट नही हुआ सुबह तो समजो आप पूरे दिन परेशान रहोगे। क्योंकि अनियमितता से गैस, ओर बाद में कई बीमारी हो सकती है।

भोजन को चबा चबाकर खाएं जिससे पाचन जल्दी हो सके, आप शास्त्रों के अनुसार भोजन करेगे तो अपना दिन चर्या से आसान रहेंगे।

food वेजिटेरियन भोजन करे और स्वस्थ रहिए


१) नास्ता( breakfast)
क्या आप जानते है कि सुबह का नाश्ता हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है। जो लोग सुबह नास्ता नही करते है इन लोगो मे विकृति ओर कमजोरी जरूर दिखने को मिलेगी। इसलिए नास्ता हर रोज करे और हमेशा हेल्थी नास्ता ले।
अगर आप आयुर्वेद की बात करे तो सुबह सुबह सूर्योदय के 1 घन्टे में नास्ता कर लेना चाहिए। पूरी रात सोने के बाद जल्दी से जल्दी कुछ खाने की जरूर होती है। ताकि शरीर उसमे ऊर्जा बना सके। और organs अपना सही से काम कर सके।
२) लंच
आपने सुबह का breakfast के ठीक 5 घन्टे बाद आपको दोपहर का भोजन ले लेना चाहिए। जी हा, जैसे अगर आपने अपना breakfast सुबह 07:30 पर किया है, तो आप lanch 12:30 पर ले। अगर आप यह नियम पर चलोगे तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे।


३) रात का भोजन
डिन्नर करने में में ही नही ज्यादातर लोग बहुत ही ज्यादा लापरवाही करते है। वो रात को लेट तक अपना भोजन नही लेते। और फिर डिन्नर कर के लेट जाते है। इस कार्यवाही से हमारे स्वास्थ्य को खराब करने में बहुत ही बड़ा हाथ है।
रात का भोजन समय से सेवन करना बहुत ही जरूरी होता है। लंच के 7 घन्टे बाद आप को डिन्नर कर लेना चाइए। अगर आप ने लंच 12:30 पर किया है तो आपको 7:30 पर रात का डिन्नर जरूर कर लें।
क्योंकि, इसके बाद यदि आप रात को 10 बजे तक भी आप सो जाते है। तो भी आपके शरीर में को dinnar को पचाने में के लिए कुछ घन्टे मिल जाते है। पर जो लोग रात को 11 से 12 के बीच या अधिक समय के बाद भोजन करते है वह अपनी आदत को बदल लेना चाहिए।

आयुर्वेदिक के नियम के अनुसार भोजन के कुछ नियम। जिसमे आप को यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह नियम में बन्दर(जो हमारे पूर्वज) रह चुके है।
● कभी किसी चिड़िया को हार्ट अटैक आया?
● बंदर कभी बीमार नही होते
अगर बीमार पड़ा तो वह पक्का मरेगा!
भेड़, बकरी, गाय, कोई भी रात को भोजन नही करता है। मनुष्य के अलावा।

भोजन का समय निश्चित करें। ऐसा नही की कभी भी कुछ भी खा लिया। हमारे शरीर मे जठर है, उससे अग्नि का स्रोत माना गया है। बागवटजी( जो 135 बर्ष जिंदा रहे; अपनी पुस्तक अंशटांग हिरद्यम में 7000 स्वस्थ रहने के सूत्र लिखे है)

बागवटजी कहते है कि, जठर में जब अग्नि सबसे तीव्र हो उसी समय भोजन करे तो आपका खाया हुआ, एक एक अन्न का हिसा पाचन में जायेगा ओर रस में बदल जायेगा इस रस में मांस, रक्त, मल, मूत्र, ओर आपकी अस्थियां इनका विकास होगा।

ध्यान देने वाली बात है है कि हम कुछ भी कभी की खाया करते है,यह पद्धति भारत(हिन्दुस्तान) की नही है बल्कि यह पद्धति पुरोप की है।
पुरोप के डॉक्टर का कहना है कि, आप हमेशा थोड़ा थोड़ा खाते रहिये। कभी भी खाते रहो।
बागवटजी कहते है कि, भोजन के का समय निर्धारित करें ओर समय निर्धारित होगा उससे जब आप के पेट मे अग्नि की ज्वलनशीलता हो( जठराग्नि की ज्वलनशीलता) बागवटजी ने इस पर बहुत रिसर्च के बाद उन्हें पता चला कि जठराग्नि कौन से समय मे सबसे तीव्र होती है। तो बागवटजी कहते है कि सूर्य का उदय जब होता है। तो सूर्य उदय होने से लगभग ढाई घन्टे तक जठराग्नि सबसे तीव्र होती है।

सूर्य उदय जैसे हुआ उसके अगले ढाई घन्टे तक जठर अग्नि सबसे ज्यादा तीव्र होती है। भारत मे सूर्य उदय का समय थोड़ा भिन्न हो सकता है जैसे अरुणाचल प्रदेश में चार से साडे छह का समय आ जायेगा। वैसे गुजरात का भी, वैसे चेन्नई का भी, सब से समय भिन्न हो सकता है पर आप को सूर्य उदय के बाद ढाई धंटे के के भीतर भोजन सबसे ज्यादा करे।
अब यहां पर बंदर की बात करेंगे कि, बंदर सुबह सुबह जहा पर भोजन में फल, अन्न, या कुछ भी मिले वह पेट भर भोजन कर लेता है। पूरे दिन कुछ न कुछ खाया करता है। पर कभी बीमार नही होता है। यही कारण है कि वह सुबह ही, पेट भर भोजन कर आराम करता है।
बागवटजी का रिसर्च किया था, की शरीर के कुछ और अंग है जैसे हदय, जठर, किडनी, लीहवर सब का काम अलग अलग है। सबसे काश बात है कि हमारा दिल सबसे ज्यादा सक्रिय सुबह 4 के बाद सक्रिय रहता है जिससे सबसे ज्यादा हार्ट अटैक उसी समय आता है। डॉक्टर से आप पूछ सकते है कि सबसे ज्यादा 99% हार्ट अटैक अर्ली मोर्निंग में ही होते है। बस वैसे ही, शरीर के अलग अलग अंग का भी काम प्रकृति ने तय किया है। तो आप के जठर की अग्नि 7 से 9.30 बजे तक सबसे ज्यादा तीव्र होती है तो उसी समय भरपेट भोजन कीजिये।
फिर आप के मन मे सवाल होगा कि आप दोपहर में भूख लगी तो, बागवटजी कहते है कि सुबह का भोजन पेटभर अगर आज की भाषा मे कहा जाय तो नास्ता पेटभर करे। और दोपहर का भोजन को 1/2 कम दीजिये 1/3 रात का भोजन कर दीजिए।
आसान भाषा मे अगर आप सुबह 6 रोटी खाते है तो, दोपहर में 4 रोटी और रात में 2 रोटी।
बागवटजी के सूत्रों को चारों तरफ से समझना सरु किया श्री राजीवदीक्षित ने तो उन्हें पत्ता चला कि मनुष्यों को छोड़कर जीव जगत का हर प्राणी इस सूत्र का पालन कर रहा है। मनुष्य अपने आप को होशियार समझता है। लेकिन मनुष्य से ज्यादा होशियार जीव जगत में प्राणियों में है। आप चिड़िया देखो, कितने भी तरह की चिडीये सवेरे सूरज निकलते ही उनका भोजन शुरू हो जाता है। और पेटभर खाती है। 6 बजे के आसपास गुजरात, राजस्थान में जाओ सब तरह की चिड़िया अपने काम पर लग जाती है। खूब पेटभर खाती है। और पेट भर गया तो चार घन्टे बाद ही पानी पीती है। गाय को देखिए सुबह उठते ही चारा खाना शुरू हो जाता है। बकरी, घोड़ा, भैंस, सुबह उठते ही खाना शुरू कर देते है। फिर दोपहर सभी आराम करेगे। जीवजंतुओं का समय भी सवेरे का है। सूर्योदय के साथ ही थे सब भोजन करते है। इसलिए, हमसे ज्यादा स्वस्थ रहते है।

राजीवदीक्षित जी अपने आख्यान में कहा कि चिड़िया को डायबिटीज नही होती, सभी हस पड़ते है। बंदर को हार्ट अटैक नही आता। राजीव जी के एक दोस्त ने अपनी लेब में बंदर को बीमार करने के लिए 15 साल से प्रयास कर रहे थे पर बंदर एक भी बार बीमार नही हुआ। बंदर में बैक्टीरिया, virus भी डाला फिर भी वह बीमार नही पड़ा। बंदर में RH factor दुनिया मे, सबसे आदर्श है, और डॉक्टर आपका RH factor नापता है ना! तो वह बंदर से ही कम्पेयर करता है। वो आपको बताता नही ये अलग बात है। कारण उसका यही है कि, उसे कोई बीमारी आ ही नही सकती। बल्र्ड में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता ही नही। ट्रायग्लेसाईड कभी बढ़ती नही डायबिटीज कभी हुए नही। शुगर कितनी भी बाहर से उसके शरीर मे डंट्रोडयूस करो, वो टिकती नही। तो वो प्रोफेसर कहते है कि, यार ये यही चक्कर है, की बंदर सवेरे ही भरपेट खाता है। जो इंसान नही खा पाता।



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