चाय

tea

चाय सबसे प्रचलित शब्द है, जो सुबह से लेकर शाम ओर शाम से लेकर सुबह तक बोले जाने वाला शब्द है।

चाय सुबह सुबह उठते ही पीने के शौकीन बहोत है। सुबह की चाय हमारा पूरा दिन खुशनुमा कर देती है।

चाय एक लोकप्रिय पेय है, चाय बनाने के लिए जो पत्तियों का उपयोग होता है वह चाय के पौधे से कोमल-कोमल पत्तियों को तोड़कर-सूखा कर चाय बनाने के लिए उपयोग में लिया जाता है।

चाय का सबसे पहले पौधा ब्रिटिश की ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा हिंदुस्तान में लाया गया था। आज पूरी दुनिया मे भारत से आयात चायपत्ती किया जाता है।

चाय को अलग अलग स्थानों जैसे उत्तर-भारत,दक्षिण-भारत,पूर्व-भातर, ओर पश्चिम-भारत में चाय बनाने का तरीका अलग अलग हो सकता है,पर चाय की पत्ती एक ही उपयोग में होती है, जैसे.....
गुजरात की मीठी चाय, हैदराबाद की हल्दी महेक चाय,कश्मीर की नमकीन चाय,मध्यप्रदेश की अदरक की चाय,जो मेने पी है, स्वाद कैसा वह भी लिखूंगा। अब बात करते है कि चाय के हम क्या क्या सेवन कर सकते है।

चाय-रोटी


चाय के साथ रोटी जरूर आप ने खाई होगी, अगर नही खाई ये हो नही सकता क्योंकि, की जब ब्रेड, पाव बाजार में उपलब्ध नही थे तब चाय के साथ रोटी का नास्ता होता था।



चाय-सिम्पल ब्रेड


चाय के साथ सिम्पल ब्रेड खाने का मजा ही कुछ और है, जब भूख लगी हो, आसपास कहि भी कुछ न मिले और चाय की टपरी मिल जाये वहां पर सिम्पल ब्रेड ही मील फिर क्या चाय का स्वाद ही अमृत जैसा लगने लगता है।



चाय-समोसा



आप ने अगसर छोटी छोटी होटल, टी स्टोल, मिठाई की दुकान पर समोसे के साथ चाय पीते देखा होगा। जिहा समोसे स्नेक्स में चटनी के साथ खाया जाता है पर लोगो का चलते-फिरते एक हाथ मे चाय और दुसरे हाथ मे समोसा के पैदल चलते हुए समोसा ओर चाय खाने का मजा ही कुछ और होता है।





चाय-ब्रेड पकोडा


चाय और गरमा गरम ब्रेड पकोड़े जिसे बेसन का घोल बनाकर बनाया जाता है। इसे बड़ी होटल, रेस्टोरेंट या खास पकवान नास्ता जहा पर बनाया जाता है। इसे आप ब्रेड पकोड़े को टिफिन में ले जा सकते है और कहि टी स्टोल पर चाय के साथ खा सकते है। चाय के साथ ब्रेड पकोड़ा खाने का मजा ही कुछ और है।



चाय-मख्न/बटर


चाय के साथ तो ब्रेड,पाव सूखा ही खा लेते है। पर कुछ खास टी स्टोल अपने ग्रहको को कुछ खास तरह से चाय पिला कर अपनी ओर आकर्षित करते है। वह अपने होटल या स्टोल पर ब्रेड या पाव पर मख्न लगाकर देते है। गरमा गरम चाय के साथ मख्न/बटर लगा कर खाने का स्वाद ही अलग आता है।



चाय-तीखी/मसालारोटी


मुसाफरी के दौरान आप अपने साथ टिफिन में ले जाते है, आचार भी होता है पर गरमा गरम चाय के साथ तीखी रोटी के साथ चाय पीने का मजा ओर रोटी खाने का आंनद ही कुछ और होता है।



चाय-बिस्कुट



चाय बिस्कुट की परंपरा चाय आते ही पूरे भारत मे बड़े ही सोख से चाय के साथ तरह के बिस्कुट चाय के साथ सर्व किया जाता है,नमकीन,चॉकलेटी,डायजेस्टिव, खारे, सबसे फेमस बिस्कुट है पारले-जी, जो पूरे भारत मे आज भी एक ही कीमत से मिलते है। आज से 20 साल पहले भी 4 रुपये था और आज भी 4 से 5 रुपये के अंदर ही मिलता है। यह व ब्रांड है जो बारिश,तूफान,भूकंप ओर महगाई में भी अपनी कीमत से थोड़ा भी नही हिला। यू कहे कि आज भी मजबूती से अपने दम पर खड़ा है।जिसे कोई भी टक्कर नही दे पाया।





चाय-सुवाली


दीपावली या तेहवार पर मेदा के आटे में गर्म पानी या दूध डालकर बनाई जाने वाली रेसिपी है, जो पूरी के तरह बनाई जाती है और ऐर-टाइट डिब्बे में 10 से 15 दिन तक आप आसानी सेमन करे तब खा सकते है। अगर सुबह नास्ते में कुछ न मिले ओर चाय के साथ सुवाली ही मिल जाय फिर क्या इसे खाने में चाय पीने में आनंद ही कुछ और है



👉मैदा की सुवाली



चाय पूरे भारत मे पिया जाता है। आज हम उत्तरभारत से दक्षिणभारत ओर पूर्वभारत से पश्चिम भारत मे चाय कैसी ओर बनाने की सामग्री की चर्चा करेंगे।

उत्तरभारत चाय


उत्तरभारत में सर्दी ज्यादा होने से सबसे ज्यादा चाय, कॉफी का सेवन होता है, जिसमे चाय प्रमुख है। चाय तो सिंपल तरीके से ही बनाई जाती है। पर कुछ पहाड़ी इलाको में चाय नमकीन बनाई जाती है। चाय में हम चीनी का इस्तेमाल करते है पहाड़ी के लोग नमक का इस्तेमाल करते है। पहाड़ी चाय खारी होती है।

दक्षिणभारत चाय


दक्षिणभारत में कुछ इलाके जो पहाड़ी से गिरे हुए है, भले ही दक्षिणभारत में गर्मी हो पर कुछ पहाड़ी हिलाका वह पर पर्यटकों चाय का मजा लेते है। क्योंकि पहाड़ी ठंड होने से चाय पिया जाता है।

पूर्वभारत चाय


पूर्वभारत में चाय घर घर और हर छोटे मोटे गांव में जगह जगह पर टी स्टोल आप को देख ने मिल जाएगा। आने जाने वाले लोगो चाय के साथ बटर पाव अगसर खाते नजर आएंगे। चाय सिंपल ही बनाई जाती है, जिसमे इलाइची, अदरक डालकर बनाई जाती है।

पश्चिमभारत चाय



पश्चिमभारत में चाय तो घर घर मे सुबह हो रात,दिन हो रात पीने वालों की कोई कमी नही है। जहाँ पर बिज़नेस है वह पर कोई बेकार नही होता अगर नॉर्मल चाय भी बनानी आती है आप अच्छा दिन का कमा सकते है। जिहा गुजरात कंपनी, महाराष्ट्र e-कॉमर्स, राजस्थान पर्यटक, मध्यप्रदेश महाकाल मंदिर, यहाँ पर कोई भूखा ओर बेरोजगार नही रहेगा।

चाय बनाने की रीत

☕चाय

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