गणेश चतुर्थी में लगने वाले भोग(प्रसाद)

gnesh chturthi

गणेश चतुर्थी हिन्दूओ का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार पूरे भारत मे किंतु महाराष्ट्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था।
सनातन परंपरा में भगवान गणेशजी को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य के पहले तथा किसी भी पूजन में सबसे पहले भगवान गणेश जी की आराधना करनी पड़ती है।

गणेश जी की पूजा के दौरान जो भी भोग लगया जाता है वह हर दिन अलग अलग होता है। जिसमे गणेश जी का सबसे प्रिय मोदक भी शामिल है। आज कुछ वैसे ही प्रसाद या भोग जो गणेशजी को प्रसाद जे रूप में भोग लगाया जाता है इस कि रेसिपी हम लाये है। जो निचे दिए लिंक है जिसे आप पढ़े और आसानी से भगवान को चढ़ावा प्रसाद के रूप गणेशजी को अपर्ण कर सकते है।

मोदक के लड्डू

गणेशजी को मोदक के लड्डू बहोत ही प्रिय है। मोदक को बनाने के तरीके बहोत सारे है। महराष्ट्र में गणेशजी की पूजा के समय अगसर घर घर मे तरह तरह के मोदक बनाए जाते है।
मोदक बनाने की विधि

१ मोदक लड्डू


मोती चूर के लड्डू

गणेशजी को मोदक के बाद सबसे ज्यादा मोतीचूर के लड्डू प्रसाद या भोग में चढ़ाएं जाते है। जिसे बूंदी के लड्डू भी कहा जाता है। इसके अलावा उन्हें शुध्द घी से बनने बेसन के लड्डू भी पसन्द है।तिल और सूजी के लड्डू भी उनको अर्पित किए जाते है।
मोतीचूर के लड्डू बनाने की विधि

२ मोतीचूर के लड्डू



पूरन पोली या सतोरी

यह महाराष्ट्र की सबसे फेमस व्यजंन है। जिसे मावा, घी, बेसन ओर दूध के साथ बनाया जाता है। पूरन पोली में चने की दाल गूढ़ मिलाकर उसे रोटी में भरा जाता है। आलू का पराठा जैसे बनाता है वैसे ही पूरन पोली बनाई जाती है।
पूरन पोली बनाने की विधि

३ पूरन पोली



केले का शिरा

मैश किए हुए केले, सूजी ओर चीनी से बना शीरा सूची के हलवे की तरह होता है। यह गणेशजी का सबसे पहले प्रिय माना जाता है। केले का प्रसाद भी अति प्रिय है।उन्हें केले का प्रसाद हाथी को भी खिलाना चाहिए।

केले का शिरा बनाने की विधि

४ केले का शिरा



रवा पोंगल

रवा पोंगल जो सूजी और मूंग के साथ घी के मिश्रण से बनाया जाता है। इसे किशमिश काजू ओर बादाम डाला जाता है। इसे मूंग का हलवा ही माने, इसके अलावा अपना चाहे तो सूजी के हलवे का भी भोग भी लगा सकते है।
रवा पोंगल बनाने2की विधि

५ रवा पोंगल



श्रीगणेश पूजा में रखे इन बातों ध्यान

गणेशजी को प्रसाद में क्या चढ़ाया जाता है!

श्री भगवान गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय है। गणेशचतुर्थी को यानी भगवान गणेश के जन्मदिन या जन्मोत्सव में सबसे पहले मोदक का भोग लगाना चाहिए। गेणश महोत्सव के दूसरे दिन गणपति को मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाना उत्तम होता है। तीसरे दिन भगवान को बेसन के लड्डू का भोग लगाया जाता है।


गणेश जी को कोनसा फल चढ़ाया जाता है!

भगवान भोलेनाथ की तरह गणपति जी को भी बेल का फल बहुत पसंद है। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर बेल का फल अर्पित करने से उनका विशेष वरदान प्राप्त होता है। पांच फलों में अमरूद का भी विशेष स्थान है।


गणेशजी को कितने लड्डू चढ़ाने चाहिए!

बूंदी के लड्डू का भोग लगाने से गणेशजी भक्तों को धन समृद्ध का वरदान देते है। मनचाही इच्छा पूरी करने ke लिए पांच, ग्यारह, एकिश, एकावन की संख्या में भगवान गणेशजी को लड्डू का भोग चढ़ाया जाता है।






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